अमृत वर्षा में रुकमणी विवाह उत्सव
दुर्गा प्रजापति
बिलासपुर मस्तूरी स्थित राधे सुयश सदन में चल रही संगीतमय श्रीमद् भावगत महापुराण ज्ञान यज्ञ अमृत वर्षा में रुक्मिणी विवाह उत्सव मनाया गया । राधेश्याम त्रिपाठी ने बताया कि इस अवसर पर विवाह उत्सव की सजीव झांकियां सजाई गईं । श्रीकृष्ण, रुक्मिणी के वरमाला प्रसंग के दौरान सुनाए गए कर्णप्रिय भजनों पर भक्तों ने भाव विभोर होकर नृत्य किया ।
संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा में व्यासपीठ पर विराजमान पंडित भागवत प्रसाद पाठक ने गीत, महारास, रुक्मिणी मंगल विवाह एवं प्रेम योग के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए महारास के बारे में बताया । उन्होंने कहा कि महारास का अर्थ जीव से जीव का मिलन नहीं अपितु ब्रह्म से जीव के मिलन को महारास कहा गया है । रुक्मिणी मंगल कथा के बारे में बताते हुए कहा कि जो इसका श्रवण करता है , उसके घर में विवाह की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं और परिवार मंगलमय जीवन व्यतीत करता है ।
संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा में सजी रुक्मिणी विवाह उत्सव की झांकी को देख भाव विभोर होकर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया ।