गीता में छिपे हैं आध्यात्मिक व खुशहाल जीवन जीने के रहस्य- ब्रह्माकुमारी शशिप्रभा दीदी …
बिलासपुर श्रीमद् भागवत गीता सर्व शास्त्रों में शिरोमणि है। यह केवल हिन्दू धर्म का शास्त्र नहीं अपितु समस्त मानव जाति का शास्त्र है इसलिए इसका अनुसरण हर धर्म के लोगों को करना चाहिए। गीता ही एकमात्र शास्त्र है जिसका सबसे अधिक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। यह स्वयं भगवान का गाया हुआ मधुर गीत है, बुद्धिमता की कुंजी है, कमजोर लोगों के लिए टॉनिक है, इसमें अपार संपत्ति छिपी हुई हैं, इसमें आध्यात्मिक व खुशहाल जीवन जीने के रहस्य छिपे हुए हैं इस गीता ज्ञान यज्ञ में इन रहस्यों का उद्घाटन किया जाएगा।
उक्त बातें गुड़ी चौक बरगंवा में ब्रह्माकुमारीज द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान यज्ञ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी शशिप्रभा दीदी जी ने बतलाया कि गीता से हिंसा की प्रेरणा न लें, इससे तो मन के नकारात्मक व सकारात्मक विचारों के युद्ध और उसमें सही निर्णय अर्थात् धर्म के पक्ष में निर्णय लेने की शिक्षा मिलती है। गीता मां की तरह हमारे अंदर श्रेष्ठ संस्कारों का सृजन करती है l गीता मनुष्य को खुशहाल जीवन जीने की कला सिखाती है
कथा वाचिका राजयोगिनी तपस्विनी ब्रम्हाकुमारी शशिप्रभा दीदी जी के पावन सानिध्य में आगामी दिनों के कार्यक्रम में आध्यात्मिक रहस्य का प्रकटीकरण, ज्ञान योग ,कर्म, अकर्म विकर्म का बोध, प्रहलाद प्रसंग, कर्मयोग , परमसत्य का बोध , विराट स्वरूप दर्शन ,विभूति योग ,सृष्टि का अनादि सत्य, कल्पतरू कथा ,राजयोग भक्ति योग, सुदामा चरित्र ,आदि श्रवण कराया जाएगा l दिनांक 27 फरवरी दिन मंगलवार गीता ज्ञान यज्ञ का सप्तम दिवस जिसमें जीवन जीने हेतु संपूर्ण विधि, हवन, सहस्त्रधारा, पूर्णाहुति एवं प्रसाद वितरण किया जाएगा l इस पावन पुनीत आयोजन के निमित्त ब्रह्मा कुमारीज संस्थान के गांव में रहने वाले भाई-बहन जनक क्षत्रिय, अनिल ठाकुर, टीकाराम केवट, सुरेश साहू, रामकुमार, उत्तम, सुरेंद्र गुरुजी, लक्ष्मण दादा , होरीलाल,दिनेश कुम्भकार, भविष्य,ईश्वर ,ममता, नीता, लक्ष्मीन कुम्भकार, आदि हैं तथा आयोजक संस्थान प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय टिकरापारा बिलासपुर प्रभु दर्शन भवन ,सेवाकेंद्र संचालिका बी के मंजू दीदी है l