दक्षिणा स्वरूप में अपनी कमजोरीयों व बुराईयों का दान हमें दें – ब्रह्माकुमारी शशिप्रभा …
बिलासपुर श्रीमद् भागवत गीता ज्ञानयज्ञ के छठवें दिन ग्राम बरगवां गुड़ी चौक में गीता वाचिका ,भागवत भास्कर राजयोगिनी ब्रम्हाकुमारी शशिप्रभा ने श्रद्धालुओं से कहा कि भगवान ने गीता के 9 वें अध्याय में राजयोग की गहन परिभाषा बतलाई है।
आत्मा से परमात्मा का सर्वोच्च संबंध सर्वोच्च मिलन ही राजयोग है राजयोग में ज्ञान योग, बुद्धि योग, समत्व योग ,हठ योग ,भक्ति योग सभी समाए हुए हैं l
इसलिए राजयोग को सर्वांगीण योग सर्व योगों का राजा कहा गया है l
उन्होंने गीता में बताएं प्रसिद्ध श्लोकों को सिद्ध करते हुए बताया कि भगवान ने गीता में कहा है कि जो हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा है अच्छा हो रहा है, जो होगा बहुत अच्छे से अच्छा होगा। क्योंकि इस संसार चक्र में सब कुछ जो भी हो रहा है सब कल्याणकारी ही है इसलिए हम कोई भी कार्य करते हैं तो स्वास्तिक बनाते हैं अर्थात जो सदा शुभ है तो जीवन का हर पल हर क्षण शुभ ही हैl कभी-कभी हमें कोई घटना अकल्याणकारी लगती है, लेकिन समय अंतराल में हमें समझ में आता है कि उसमें भी कोई कल्याण समाया हुआ था l
उन्होंने कहा कि मनुष्य एक सर्वोच्च प्राणी है संसार में भगवान ने हमें खाने के लिए कितना कुछ दिया है मेवा, मिष्ठान, फल फूल लेकिन मानव सब कुछ छोड़कर वह खाता है जो खाने की वस्तु ही नहीं है छोटे या बड़े जीव किसी को भी मार कर उसे अपना आहार बनाना यह सबसे बड़ा कुकृत्य है।
कर्मफल अनुसार इसकी बहुत कड़ी सजा मनुष्य को भोगनी पड़ती है क्योंकि जीव हत्या महापाप हैl किसी छोटे जीव को मारकर उसे अपना आहार मानव बनाता है तो वहीं श्मशान घाट तो अपने पेट को ही आहार बना रखा है l
गीता ज्ञान यज्ञ में आप सभी ग्रामवासी दक्षिणा स्वरूप में अपनी कमी कमजोरी व बुराइयों का दान मुझे दें तो यह आयोजन सफल माना जाएगा, इससे आपके मन में हल्केपन ,संतुष्टता व खुशी का संचार होगा lश्रेष्ठ संकल्प लेने वालों को परमात्मा साथ व आशीर्वाद हमेशा देता है l
श्री कृष्ण सुदामा की झांकी ने सभी श्रद्धालुओं को किया भावविभोर…
अंत में श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता को दर्शानें आकर्षण झांकी का अवलोकन श्रद्धालुओं ने किया l इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे l