रामलीला का मंचन विधि विधान से…
दुर्गा प्रजापति
बिलासपुर देवरीखुर्द में विगत चार वर्षों से रामलीला का आयोजन होता आ रहा है इसी क्रम में इस वर्ष भी विंध्यवासिनी रामायण प्रचारक रामलीला मंडली के तत्वावधान में देवरीखुर्द में रामलीला का मंचन विधि विधान से प्रारंभ हुआ।
प्रथम दिवस राजा दशरथ की तीनों रानियां पुत्र ना होने के कारण व्यतीत है गुरुकुल वशिष्ठ की सलाह से राजा दशरथ ने पुत्र कामना यज्ञ कराया इसमें देवी योग से माता कौशल्या की कोख से विष्णु के अवतार प्रभु श्री राम ने जन्म लिया अयोध्या नगरी सहित पूरा विश्व मंगल काम करने लगा इसके अतिरिक्त श्री राम के साथ ही भरत लक्ष्मण शत्रुघ्न का जन्म हुआ गुरु वशिष्ठ राजा दशरथ को बताया कि उनके पुत्र कीर्ति पताका पर आने वाले बनेंगे दशरथ की भूमिका में मंडली के सदस्यों ने चरित्र को जीवंत कर दीया और दर्शकों ने खूब वाहवाही लूटी वही श्री राम के जन्म संबंधित लीला का मंचन हुआ।
इस दौरान मुख्य अतिथि बीपी सिंह ने कहा कि रामलीला का अद्भुत मंचन देखकर उनकी पुरानी यादें ताजा हो गई। 492 वर्ष पहले मुगलों द्वारा जिस राम मंदिर को तोड़कर मंदिर के अस्तित्व को मिटाने का प्रयास किया गया था उसे देश के प्रधानमंत्री द्वारा पुनः स्थापित किया जाना देश के लिए एक गौरवशाली कार्य है।
उक्त कार्यक्रम में मनोज कुमार मिश्रा, धर्म जागरण मंच के जिला समन्वयक बी पी सिंह, राजेश शेंडे, रवि बारगाह सहित क्षेत्र के गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे ।